चीन के सरकारी अकबर ने इंडिया के लिए जहर उगला,'ऐसा व्यवहार करना मानो वे भारत के अधीन हों'
- sakshi
- Friday Jan,2024
चीन के इशारे पर भारत के खिलाफ इन दिनों जहर उगल रहा मालदीव अपने इतिहास और अपने बुरे दिनों के बारे में भूल गया है। जब भी मदद की दुहर मालदीव ने लगाई है तब-तब भारत ने सबसे पहले इस छोटे से द्वीपीय देश की मदद की है। मालदीव हिन्द महासागर में बसा एशिया का सबसे छोटा देश है। यह मिनिकॉय द्वीप और चागोस द्वीपसमूह के बीच 26 प्रवाल द्वीपों में एक डबल चेन की तरह फैला हुआ है। इसके तहत करीब 1200 द्वीप (टापू) हैं, जो अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए विश्वप्रसिद्ध है। यहां की संस्कृति दक्षिण भारत और श्रीलंका से निकटता के कारण प्रभावित है. भारत से विवाद गहराने के बाद मालदीव के पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है। भारत से ही सैकड़ों लोगों ने अपनी यात्रा निरस्त की है। वहीं दूसरे देशों ने भी भारत का साथ दिया। बात करे चीन कि तो वो मालदीव को भारत के खिलाफ भड़कता हुआ नज़र आ रहा है. दरहसल मालदीव के राष्ट्रपति पांच दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंचे हुए जहां उन्होंने चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात की. चीन के सरकारी अख़बार ने भारत को लेकर कटाक्ष भरी रिपोर्ट छापी जिसमे लिखा,'मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की इस सप्ताह चल रही चीन की राजकीय यात्रा अंतरराष्ट्रीय चर्चा का केंद्र बन गया है, खासकर भारतीय जनता के बीच.' मुइज्जू ने अपने चीन दौरे में कहा कि उनका इरादा चीन के साथ आर्थिक, व्यापार, पर्यटन, निवेश और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना है. ग्लोबल टाइम्स आगे लिखता है, 'दूसरे देशों के साथ ऐसा व्यवहार करना मानो वे भारत के अधीन हों, एक विकृत मानसिकता है.
चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स दूसरे देशों के साथ मालदीव के सहयोग और कूटनीति में भारत के भू-राजनीतिक हितों को प्राथमिकता देने का कोई कारण नहीं है. यह भारत का आंतरिक मामला नहीं है. एक स्वतंत्र संप्रभु देश के रूप में, मालदीव को अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, अन्य देशों के साथ सहयोग करने का अधिकार है, खासकर उन देशों के साथ जो अधिक आर्थिक विकास के अवसर प्रदान कर सकते हैं, और चीन स्पष्ट रूप से अच्छे विकल्पों में से एक है.' मालदीव और चीन के राष्ट्रपति एक दूसरे की चापलूसी करते हुए दिख रहे है. भारत की और से पर्यटन बंद हो जाने से मालदीव ने चीन से ज्यादा से ज्यादा पर्यटन भेजने की मांग की है.
Post Comments